जीरकपुर में भू-माफिया ने फिर से काटे दर्जनों पेड़

जीरकपुर में भू-माफिया ने फिर से काटे दर्जनों पेड़

जीरकपुर में भू-माफिया ने फिर से काटे दर्जनों पेड़

जीरकपुर में भू-माफिया ने फिर से काटे दर्जनों पेड़

वन विभाग और नगर परिषद एक-दूसरे पर डाल रहे जिम्मेदारी

जीरकपुर। जीरकपुर में भू-माफिया द्वारा अपने प्रोजैक्टों में आड़े आ रहे पेड़ों को काटने का सिलसिला जारी है और इस मामले में कार्रवाई करने वाले नगर परिषद तथा वन विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। बिल्डर माफिया पहले भी सैकड़ों पेड़ों की बलि ले चुका है पर आजतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
जैक रैजीडेंटस वैलफेयर एसोसिएशन के प्रधान सुखदेव चौधरी ने बताया कि उन्हें नाभा साहिब से दयालपुरा की तरफ जाने वाली सडक़ पर पेड़ काटने की सूचना मिली। यहां पिछले दो तीन दिनों से बिना किसी खौफ के पेड़ काटे जा रहे हैं।
सुखदेव चौधरी ने बताया कि आज जैक सदस्य मोहन सिंह, कैप्टन चावला, कुलविंदर सैनी, एचएस चीमा, राहुल राजपाल, इंद्रप्रीत, अंजु चौधरी, सार्थक, विक्रम लोहगढ़ के साथ जब वह मौके पर पहुंचे तो पेड़ काट रहे कारिंदों से इस बारे में बात की। 
जैक प्रधान ने जब मौके से ही वन विभाग के अधिकारियों को फोन किया तो उन्होंने कहा कि यह जमीन नगर परिषद की सीमा का हिस्सा है। परिषद के अधिकार क्षेत्र में आती है। इस बारे में जब नगर परिषद के अधिकारियों को फोन किया गया तो उन्होंने यह  वन विभाग की होने का दावा किया।
 सुखदेव चौधरी ने बताया कि पहले भी पटियाला रोड, ओल्ड अंबाला रोड पर बिल्डरों द्वारा पेड़ काटे जा चुके हैं। सुखदेव चौधरी ने कहा कि एक तरफ सरकार द्वारा विजिलेंस जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है और दूसरी तरफ पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वालों को खुली छूट दी जा रही है। इस मामले में कार्रवाई करने वाले अधिकारी भी चुप हैं।

छुट्टियां का फायदा उठा रहा भू-माफिया

जैक प्रधान सुखदेव चौधरी ने बताया कि अक्सर यहां पर न केवल शुक्रवार से लेकर सोमवार तक अवैध निर्माण होते हैं बल्कि इस तरह से पेड़ काटने का काम भी इन्हीं दिनों में होता है। उन्होंने कहा कि इस सप्ताह त्यौहारों के चलते छुट्टियां हैं। जिसके चलते भू-माफिया इन पेड़ों को काटकर अपना प्रोजैक्ट सिरे चढ़ा सकता है।

अब तक नहीं हुई कार्रवाई

जैक प्रधान सुखदेव चौधरी ने बताया कि उन्होंने जीरकपुर-पटियाला रोड़ तथा जीरकपुर के ओल्ड अंबाला रोड पर बिल्डर माफिया द्वारा पेड़ों की अवैध कटाई के खिलाफ शिकायतें दी थी। जिसके बाद वन विभाग के अधिकारियों ने आंखों में धूल झौंकते हुए मिट्टी तथा कटे हुए पेड़ों के सैंपल तो लिए लेकिन आजतक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस मामले को भी पहले की तरह दबाया जा सकता है।